मोक्षपर्यन्त ध्यानाभ्यास कार्यक्रम की जानकारी एवं अन्य बातेंMeditation program till Moksha

Mōkṣa paryanta dhyānābhyāsa kāryakrama

     प्रभु प्रेमियों  !  संत महापुरुषों का कहना है कि मनुष्य जीवन की सार्थकता है ईश्वर भक्ति करने में, मोक्षकी प्राप्ति करने में, आवागमन के चक्कर को खत्म करने में। इसके लिए जो उपाय उन्होंने बताया है वह है ध्यानाभ्यास। इसलिए मोक्ष प्राप्ति तक ध्यानाभ्यास कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। जो लगातार 2014 ई. से चलाया जा रहा है। 

ध्यानाभ्यास करते हुए महापुरुष


मोक्षपर्यन्त ध्यानाभ्यास कार्यक्रम उपयोगिता

     आदरणीय साधक बंधुओं  !  आजकल त्रै दिवसीय, सप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक और अन्य तरह के सत्संग और ध्यानाभ्यास के कार्यक्रम होते रहते हैं और हमलोग उसमें भाग लेते रहते हैं। इन आयोजनों में भाग लेने में सांसारिक और पारमार्थिक लाभ से लाभान्वित होतें है और संतों का हार्दिक उदगार होता है कि आप यहाँ जो पारमार्थिक लाभ उठाये है इसे बरकरार रखना है। अपने घर पर या आप जहाँ जिस जगह है वहाँ हर हालत में  इसका एक छोर अवश्य पकड़े रहेंगे तो एक दिन यह आपको मोक्ष प्राप्त कराकर परम सुखी बना देगा। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए सत्संग ध्यान यूट्यूब चैनलसत्संग ध्यान वेवसाईट और सत्संग ध्यान स्टोर के माध्यम से मोक्षपर्यन्त ध्यानाभ्यास कार्यक्रम को  स्वावलम्बी सिस्टम से चलाया जा रहा है। इस प्रकार संतों की उपरोक्त प्रेरणा को बरकरार रखने में यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित कार्यक्रम का प्रसारण सत्संग ध्यान यूट्यूब चैनल पर रोजाना किया जाता है। आप इससे लाभ ले सकते है। इस कार्यक्रम का दैनिक कार्यक्रम निम्नलिखित हैं--

Maditaiosn_Time_Table.Meditation program till Moksha
Maditaiosn_Time_Table

     

     प्रभु प्रेमियों ! इस कार्यक्रम में आप दो तरह से भाग ले सकते हैं ।  एक व्हाट्सएप के साधक ग्रुप के द्वारा और दूसरा सत्संग ध्यान युटुब चैनल के द्वारा । चैनल पर आप केवल जाएं और वहां लाइव कार्यक्रम को देखें ।  लाइव कार्यक्रम में ही सारी बातें आपको समझ में आ जाएगी । 

     व्हाट्सएप ग्रुप में केवल ध्यानाभ्यास के लिए ही जुड़ना है सत्संग तो आपको यूट्यूब चैनल पर ही करना पड़ेगा । अगर आपके पास एक ही मोबाइल है तो आप मोबाइल से साधक ग्रुप में जुड़ जाए और सत्संग ध्यान यूट्यूब चैनल के माध्यम से टेलीविजन पर भी ध्यान अभ्यास कार्यक्रम को देखें ।  उससे आपका ध्यान अभ्यास बहुत जल्दी सफल होगा ।  क्योंकि ध्यान अभ्यास में क्या करना है? उसका एक संकेत आप को चैनल पर बराबर मिलता रहेगा और आप उसको देखते हुए बहुत जल्दी अपने मन को एकाग्र कर पाएंगे ।  ऐसा हमारा विचार है और उसी के अनुसार से ध्यान अभ्यास कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है । इस प्रसारण को संत-महात्माओं के प्रवचनों पर आधारित करते हुए बनाया गया है। इसलिए इसमें गोपनीयता का भी ख्याल रखा गया है। 

     अगर आप व्हाट्सएप के जरिए जुड़ना चाहते हैं तो इससे यह लाभ होगा कि जिस तरह से ध्यान अभ्यास कार्यक्रम में एक साथ बैठ करके ध्यान अभ्यास करते हैं; तो उसमें डर रहता है कि कोई टोक देगा, हम हिल-डोल रहे हैं । हमारे इस व्यवहार से दूसरे साधक को डिस्टर्ब होगा और भी बहुत तरह का जो लाभ है एक साथ ध्यानाभ्यास करने का वह लाभ आपको अपने घर में बैठे ही प्राप्त होगा। ऐसा हमारा विचार है और इसके अनुसार ही इस ग्रुप को बनाया गया है और उस पर कार्य भी किया जा रहा है।

     इस ग्रुप के माध्यम से एक साधक पांच साधकों को अपने नंबर से जोड़ेंगे और फिर वे पांच साधक भी अपने-अपने नंबर पर 5-5 और नये साधकों को जोड़ेंगे और फिर वह भी पांच-पांच साधकों को जोड़ेंगे ।  इस प्रकार साधक ग्रुप का एक विशाल समूह तैयार हो जाएगा और सब एक दूसरे से जुड़कर ध्यान अभ्यास कर सकेंगे। जो नंबर जिन पांच लोगों को अपने साथ में जोड़ते हैं, तो उनका यह कर्तव्य बनेगा कि वह टाइम से ध्यान अभ्यास करते हैं कि नहीं ।  समय पर हाजिरी लगाते हैं कि नहीं । इन सब बातों का ख्याल रखें। 5 आदमी का ध्यान रखना आसान है ।  बहुत आदमियों का ध्यान रखना बड़ा कठिन है ।  आपको क्या कठिनाई हो रही है और उसका आप क्या सॉल्यूशन करेंगे यह आपके देश, काल और स्थिति के हिसाब से निर्भर करेगा ।  लेकिन रोजाना एक निश्चित समय पर आप कम-से-कम एक दिन में 2 घंटे के लिए अवश्य जुड़े और जिनके पास पूरा समय है तो वे पांचो समय ध्यानाभ्यास और तीनों समय सत्संग में भाग ले ।  जो नंबर जिन पांच लोगों को जोड़ेंगे तो वह अपने नंबर का एक ग्रुप नाम दे सकते हैं जैसे कि हमने साधक  1 2 3 4 5 अपने साथी साधकों का नाम दिया है। हमारे पांचो साथी साधकों को 12345 नंबर मिला है। इस तरह से वह भी अपने साथी साधकों में पहले नंबर वाले अपने साथी साधकों को साधक1-1, साधक1-2, साधक1-3, साधक1-4, साधक1-5, दूसरे साथी साधकों को साधक2-1, साधक2-2, साधक2-3, साधक2-4, साधक2-5, तीसरे साथी साधकों को साधक3-1, साधक3-2, साधक3-3, साधक3-4, साधक3-5, चौथे साथी साधकों को साधक4-1, साधक4-2, साधक4-3, साधक4-4, साधक4-5, और पांचवे साथी साधकों को साधक5-1, साधक5- 2, साधक5-3, साधक5-4, साधक5-5 नंबर देगें। फिर इन पांचो भी अपने साथी को जो उनको नंबर मिला है उसी नंबर के बाद 12345 नंबर देकर करके उनका भी एक ग्रुप बना देंगे इस प्रकार से बहुत सारा साधकों का ग्रुप बन जाएगा और सब एक दूसरे का ख्याल भी रख सकेंगे और एक दूसरे को आर्थिक सहयोग करके अपना दैनिक जीवन को भी सुखी बनाएंगे और आध्यात्मिक जीवन को भी। 

     इस प्रकार से बहुत सारा पांच-पांच साधकों का ग्रुप बन जाएगा और सत्संग ध्यान का अच्छा प्रचार-प्रसार हो पाएगा। अगर आप अपने ग्रुप के हेड को कुछ आर्थिक सहयोग भी मासिक रूप में करें, तो उसकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा और वह आपको बेहतर तरीके से गाइड कर सकेगा। यह सहयोग आपकी इच्छा पर निर्भर करेगा कि आप कितना देने में समर्थ है ।  कितना मासिक सहयोग कर सकते हैं अथवा आप नहीं भी करें तब भी आपको आध्यात्मिक पुण्य का लाभ तो होगा ही। आप पांच साधकों को जोड़ेंगे और उनका समय पर रोजाना ध्यान अभ्यास करवाएंगे ।  इसका लाभ अपार होगा। उसको आप इस वीडियो के माध्यम से समझ सकते हैं । 



     इस प्रकार से जो लोग नए दीक्षित सत्संगी हैं अथवा जो लोग रिटायर हो गए हैं और अब वे केवल भजन ध्यानाभ्यास  ही करना चाहते हैं । उन सभी लोगों को ऑनलाइन सत्संग ध्यान चैनल और वाट्सऐप के साधक ग्रुप से जुड़कर अगर वो साल, 2 साल या 3 साल भी ध्यान अभ्यास कर लेते हैं। तो उनको ध्यान अभ्यास और सत्संग पर अच्छा पकड़ और समझ हो जाएगा ।  फिर वह ग्रुप को छोड़कर करके भी केवल विशेष ध्यान अभ्यास करेंगे तो भी उनको ज्यादा परेशानी नहीं होगी और वे अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहेंगे ऑनलाइन जुड़कर कम-से-कम 1 साल और ज्यादा-से-ज्यादा तीन वर्ष ध्यान अभ्यास करें और फिर अपने जगह किसी अन्य को ग्रुप का हेड बना दे । आफ जिन पांच लोगों को अपने साथ जोड़ा है और जो अच्छी तरह से ग्रुप के नियमों का पालन कर रहे हैं उन्हीं में से किन्हीं को हेड बना दे। 

     जो ग्रुप जिस साधक नंबर के साथ में जुड़ेंगे, उसी नंबर पर उसको हाजिरी लगाना है अर्थात ध्यान अभ्यास के समय तक या समय से 10 मिनट पहले ही  उनके नंबर पर बने साधक ग्रुप में ही "जय गुरु महाराज 🙏🙏🙏" लिख दे या वह जो साधक ग्रुप बनाएंगे उसी ग्रुप पर अपना हाजिरी लगाएंगे। और उन्हीं के ग्रुप में डाले गए लिंक (गूगल मीट का लिंक) के साथ जुड़कर ध्यान अभ्यास करेंगे। किसी कारण बस अगर वह नहीं जुड़ते हैं तो आप अपने मुख्य साधक ग्रुप में अपना हाजिरी लगा दे। 

     जिन लोगों को साथ है बहुत ज्यादा साधक हो जाते हैं तो वह अपने साधकों को अपने दूसरे किसी ग्रुप के साधक के साथ जोड़ दें जो उनका ख्याल रख सके अर्थात कोई लोग ऐसे होंगे जहां बहुत ज्यादा सत्संगी नहीं है तो उनको पांच आदमी को जोड़ना भी कठिन होगा, वैसी स्थिति में जहां अधिक सत्संगी है । वे लोग अपने सत्संगी को वैसे लोगों के साथ जोड़ दें और अपने क्षेत्र में भी सत्संग ध्यान का प्रचार-प्रसार हो सके इसके लिए वह बराबर प्रयास करते रहें। जिससे कि उनके क्षेत्र का पांच सत्संगी उनके साथ जुड़कर ध्यान अभ्यास करें। 

     एक बहुत जरूरी बात लास्ट में समझना आवश्यक है जो कि साधकों के ग्रुप से संबंधित है। प्रत्येक साधक ग्रुप में बहुत जरूरी होने पर ही किसी अन्य प्रकार का मैसेज भेजें ।  नहीं तो केवल ध्यानाभ्यास करने के लिए अपने गूगल मीट का और सत्संग करने के लिए सत्संग ध्यान युटुब चैनल का ही लिंक रहना चाहिए ।  जिससे कि साधकों का मन एकाग्र रहे और वे विविध तरह के कर्तव्य कर्मों में फंसकर अपना समय को बर्बाद ना कर सके और समय का सदुपयोग करते हुए समय पर ध्यान अभ्यास कर सके ।  बहुत ज्यादा मैसेज पढ़ने सुनने देखने से दिमाग में हलचल होने लगता है कि क्या करें क्या नहीं करें? क्या उचित है? क्या अनुचित है और कई बार अनुचित फैसला ले लेते हैं और अपना पूरा मानव जीवन को बर्बाद कर देते हैं और कर रहे हैं। इस प्रकार से पूरा दुनिया परेशान है ।  वह असली ज्ञान को नहीं समझ पा रहा है कि संत-महात्माओं ने जो कहा है वही रास्ता सही है । बाकी रास्ता तो केवल कमाने खाने मात्र के लिए ही है। 

     कई बार व्यक्ति समय पर नहीं जुड़ पाता है तो वह अपना उसे समय का ध्यान अभ्यास दूसरे समय पर अकेले में कर ले अथवा ग्रुप हेड अगर ऐसा करता है तो वह भी ग्रुप में दूसरे समय जुड़कर करके ध्यान अभ्यास करें या जिस समय में वह ध्यानाभ्यास करें उस समय में ग्रुप में "जय गुरु महाराज🙏🙏🙏" लिखकर हाजरी लगा दे। अथवा वह विशेष रूप से अपना ध्यान अभ्यास कर ले और बाकी ग्रुप के लोग ग्रुप में से ही कोई जिन्हें हेड ने अपनी अनुपस्थिति में अपना कार्य करने के लिए नियुक्त किया हो वो अपना लिंक शेयर करके ग्रुप के साथ ही ध्यान अभ्यास करें। 

     ग्रुप से संबंधित और साधकों के हित के लिए और जो भी बातें हैं उसकी जानकारी के लिए 👉 यहां दबाए। 

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सभी सत्संग प्रेमी अपने-अपने क्षेत्र के सत्संग ध्यानाभ्यास कार्यक्रम की जानकारी हमारे व्हाट्सएप नंबर 7547006282 पर अवश्य भेजें। कृपया इस नंबर पर फोन नहीं करें इससे ध्यानाभ्यास में डिस्टर्ब होता है।

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